۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
बिलकीस

हौज़ा/सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने बुधवार को बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं कि अंतिम सुनवाई फरवरी में होंगी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बेला एम. त्रिवेदी ने बुधवार को बिल्किस बानो मामले में 11 दोषियों की सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने माकपा नेता सुभाषिनी अली, पत्रकार रेवती लाल, लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा और टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा की याचिकाओं समेत इस मामले में दायर अन्य याचिकाओं को सुनवाई के लिए लिया,


दोषियों में से एक की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ने जोर देकर कहा कि याचिकाकर्ताओं को मामले में अपने हस्तक्षेप के अधिकार को साबित करना होगा। वहीं याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर और अपर्णा भट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अदालत द्वारा उनकी याचिका पर नोटिस जारी किए जाने के बाद यह चरण काफी पहले ही पार हो चुका है। भट ने कहा कि मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं और अदालत याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई फरवरी में कर सकती है।

पीठ ने भट के अनुरोध पर सहमति जताई और कहा कि वह फरवरी के लिए याचिकाओं को सूचीबद्ध करेगी बिल्किस की वकील शोभा गुप्ता ने इस बिंदु पर बताया कि न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने दोषियों की सजा में छूट और जेल से उनकी समय पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली पीड़िता की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है।


न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि अब पीड़िता ने दोषियों को छूट देने को चुनौती देते हुए इस अदालत का दरवाजा खटखटाया है, उसकी याचिका को एक प्रमुख मामले के रूप में लिया जाएगा। जब पीठ न्यायाधीशों के एक अलग संयोजन के साथ बैठेगी तो बाकी याचिकाओं को उसकी याचिका के साथ नत्थी कर दिया जाएगा। हम सभी मामलों को अगली तारीख पर सूचीबद्ध करेंगे और सभी याचिकाओं के साथ संलग्न करेंगे। तब तक सभी दलीलें पूरी हो जानी चाहिए।

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